अलफ़ाज़ बहुत बाक़ी है अभी, हर लफ़्ज़ अदा करना ज़रूरी तो नहीं ! अलफ़ाज़ बहुत बाक़ी है अभी, हर लफ़्ज़ अदा करना ज़रूरी तो नहीं !
एक ऐसी पारिवारिक कहानी जिसमें बेटा अफ़सर है और बाप रेलवे का कुली। एक ऐसी पारिवारिक कहानी जिसमें बेटा अफ़सर है और बाप रेलवे का कुली।
पर ..उसको तो मम्मा पप्पा ओल्डएज होम बोलते हैं ! पर ..उसको तो मम्मा पप्पा ओल्डएज होम बोलते हैं !
"बेटी, क्या तुमने अपने ससुर को विश किया ?" "बेटी, क्या तुमने अपने ससुर को विश किया ?"
एक लघुकथा...। एक लघुकथा...।
मोरल - मोरल वोरल कुछ नहीं ! बस आजकल के बुजुर्गों को बेबस, लाचार और कमजोर समझने की गलती कभी मत करो, क... मोरल - मोरल वोरल कुछ नहीं ! बस आजकल के बुजुर्गों को बेबस, लाचार और कमजोर समझने क...